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मैं और मेरा परिवार
परिन्दे फाउंडेशन संस्था की संस्थापिका सोनिका शर्मा का जन्म मथुरा की स्वतंत्रता सैनानी परिवार में 16 दिसंबर 1983 को हुआ। उनके बाबा स्वतंत्रता संग्राम सैनानी वैद्य कृष्णदास मूलरूप से गली पीरपंच के निवासी थे। उनके पिता :- पं. लक्ष्मण दास शर्मा ज्योतिषाचार्य हैं। वैद्य परंपरा से ताल्लुक रखने वाली सोनिका शर्मा का बचपन भी अभावों के बीच गुजरा है। परंतु, तमाम अभावों के बावजूद पीड़ित मानवता की सेवा करने के अपने परिवार से मिले संस्कारों ने उनको इस दिशा में कदम आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। बचपन से ही वे परिवार हो या समाज, हर किसी की मदद करने, जरूरतमंदों का मार्गदर्शन करने में वे आगे आती रही हैं। उनको जब भी कोई पीड़ित/जरूरतमंद/असहाय मिलता तो वे स्वयं उसकी मदद के लिए आगे कदम बढ़ाने लगीं। परंतु, इसमें उनको तमाम दिक्कतों, सामाजिक अवरोधों का सामना करना पड़ा। बस, यहीं से उनके जेहन में एक ऐसी संस्था की स्थापना करने के भाव जाग्रत हुए जो निस्वार्थ भाव से पीड़ित मानवता की सेवा के संकल्प को साकार कर सके। समाजसेवा का उनका सपना एक परिंदे की तरह स्वच्छंद उड़ान भर सके ।
यही वजह रही की उन्होंने अपने जन्मदिन पर 16 दिसंबर 2012 को परिंदे फाउंडेशन की स्थापना की। सोनिका शर्मा वर्तमान में अमरनाथ विद्या आश्रम की कृष्णापुरम में संचालित शाखा ग्रोइंग सोल किड्स गुरुकुल में निदेशिका के पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही गुड़गांव (गुरुग्राम) के वृद्धाश्रम की सक्रिय सदस्य भी हैं। असहाय बुर्जुग, बच्चों व महिलाओं की सेवा में रत सोनिका शर्मा करीब दो दर्जन बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा भी प्रदान कर रही हैं। परिंदे फाउंडेशन के माध्यम से संचालित उनके प्रकल्पों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सराहा है। देश की कई जानी मानीं संस्थाओं द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहते उनको सम्मानित भी किया गया है। सोनिका शर्मा पीड़ितों की सेवा के साथ-साथ कैम्पस खबर राष्ट्रीय शैक्षिक सामाचार-पत्रिका की संपादक हैं। उनके द्वारा चाइल्ड एजूकेशन पर कई पुस्तकें लिखीं गई हैं। सोनिका शर्मा का उद्देश्य बच्चों की बेहतर शिक्षा के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को निखार कर उनका सर्वांगीण विकास करना है। वे चाहती हैं कि बच्चे अपने संस्कारों से जुड़े रहें। उनमें सहयोग और बुर्जुगों के प्रति सेवा व सम्मान का भाव जाग्रत हो । उनका उद्देश्य ऐसे लोगों को परिंदे फाउंडेशन परिवार में शामिल करना रहा है जो निस्वार्थ भाव से बिना किसी दिखावे के पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अपने कदम आगे बढ़ाने के पुण्य का भागी बनने की चाहत रखते हों।
उनका मूलमंत्र है कि :- “दान नहीं सहकार चाहिए, हमें आपका प्यार चाहिए।”
परिंदे फाउंडेशन प्रतिवर्ष अपना स्थापना दिवस 16 दिसंबर को गोवर्धन की गिरिराज तलहटी में मनाता रहा है। इसका उद्देश्य परिंदे फाउंडेशन का प्रत्येक सदस्य परिवार को एक ही स्थान पर रहकर साधु व संत सेवा के साथ-साथ असहाय/दिव्यांग/असहाय महिला-पुरुष वृद्ध-युवा- तरुण व बच्चों की सेवा करने का अवसर प्रदान करना है, ताकि समाज के दूसरे वर्ग उससे प्रेरित हो सकें। परिंदे फाउंडेशन का मेरा परिकर कार्यक्रम का उद्देश्य आधुनिकता की अंधी दौड़ से दूर लोगों को जिंदगी के कुछ पल गिरिराज तलहटी में गुजारते हुए अपने संस्कार और बिखरते परिवारों को ठाकुरजी की शरण में समेटने का अवसर प्रदान करना है, ताकि हमें खुद एक सूत्र में बंधना होगा, तभी हम अभावों के बीच जिंदगी बसर कर रहे असहायों के जीवन को अपनेपन के भावों से भर सकेंगे।
इसके साथ ही ऐसे अपने परिकर में उन लोगों को भी शामिल कर सकेंगे, जिनके मन में पीड़ित मानवता की सेवा का बीज अंकुरित हो रहा है।
परिंदे फाउंडेशन (रजि.)
मथुरा
अध्यक्ष
डॉ. अरुण कुमार
उपाध्यक्ष
राधिका शर्मा
सचिव
सोनिका शर्मा
संयुक्त सचिव
कन्हैया उपाध्याय
कोषाध्यक्ष
सुमन शर्मा
विशेष सलाहकार
पं. लक्ष्मण दास शर्मा
विशेष सलाहकार
कार्यकारिणी सदस्य
- बृजेन्द्र कुमार दुबे
- चैतन्य शर्मा
- किशोरी पाठक
- नीरू शर्मा
- ज्योति सिंह
- कनिका शर्मा
- प्रीति वर्मा
- प्रतिभा शर्मा
- राजश्री छिब्बर
- जितेंद्र
- रुचि
- कमल कटहर
- रानी कुरैशी
- शिल्पी बंसल
- वर्तिका पाठक